सूरा-अल-काफ़िरून
सूरा-अल-काफ़िरून
| मक्का कालीन | आयत 6|
(अविश्वासी)
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान, रहम करने वाला है|
कह दीजिएः ऐ काफ़िरो! (1)
मैं इबादत नहीं करता जिन की तुम इबादत करते हो, (2)
और न तुम इबादत करने वाले हो उस की जिस की मैं इबादत करता हूँ। (3)
और न मैं इबादत करने वाला हूँ जिन की तुम ने इबादत की, (4)
और न तुम इबादत करने वाले हो उस की जिस की मैं इबादत करता हूँ। (5)
और न मैं इबादत करने वाला हूँ जिन की तुम ने इबादत की, (4)
और न तुम इबादत करने वाले हो उस की जिस की मैं इबादत करता हूँ। (5)
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और मेरे लिए मेरा दीन। (6)
***
109. THE DISBELIEVERS
(al-Kafirun)
In the name of God, the Gracious, the Merciful.
1. Say, “O disbelievers.
2. I do not worship what you worship.
3. Nor do you worship what I worship.
4. Nor do I serve what you serve.
5. Nor do you serve what I serve.
6. You have your way, and I have my way.”
0 comments:
Post a Comment