सूरा-अत-तकासुर
| मक्का कालीन | आयत 8|
(विपुलता की ख़ाहिश)
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान, रहम करने वाला है |
तुम्हें हुसूले कसत की ख़ाहिश ने गफलत में रखा, (1)
यहां तक कि तुम कब्रो तक पहुंच जाते हो। (2)
हरगिज़ नहीं, तुम जल्द जान लोगे, (3)
फिर हरगिज़ नहीं, तुम जल्द जान लोगे। (4)
हरगिज़ नहीं, काश तुम इल्मे यक़ीन से जानते होते। (5)
तुम ज़रूर देखोगे जहन्नम को। (6)
फिर तुम उसे ज़रूर यकीन की आँख से देखोगे| (7)
फिर तुम उस दिन ज़रूर पूछे जाओगे (सवाल जवाब होगा) नेमतों की बारे मे। (8)
***
102. ABUNDANCE
(at-Takathur)
In the name of God, the Gracious, the Merciful.
1. Abundance distracts you.
2. Until you visit the graveyards.
3. Indeed, you will know.
4. Certainly, you will know.
5. If you knew with knowledge of certainty.
6. You would see the Inferno.
7. Then you will see it with the eye of certainty.
8. Then, on that Day, you will be questioned about the Bliss.
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